मुख्यमंत्री पंजाबियों को बताएं कि एसएसपी चहल को हटाने का फैसला करने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों को पैनल नही मांगा: शिरोमणी अकाली दल
Taking the Decision to Remove SSP Chahal
कहा कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि मुख्य सचिव ने मामले के बारे उन्हे जानकारी नही दी थी यां नही क्योंकि वह सीधे केजरीवाल को रिपोर्ट कर रहे थे: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/14दिसंबर: Taking the Decision to Remove SSP Chahal: शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह बताने के लिए कहा कि उन्होने पंजाबियों को झूठ क्यों बोला(Why lied to Punjabis) कि यूटी प्रशासन ने पंजाब सरकार को कुलदीप चहल को चंडीगढ़ के एसएसपी पद से हटाने का फैसले करने के बाद पंजाब के अफसरों का पैनल नही मांगा था।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि झूठ बोलना और पंजाबियों को शर्मिंदा करना मुख्यमंत्री का स्वभाव बन गया है, और यह बेहद निंदनीय है कि पंजाब ने बिना किसी ठोस आधार के भ्रामक पत्र लिखकर यहां तक कि अजीबोगरीब दावे करके शासन का मजाक उड़ाया है। उन्होने कहा कि अब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी(Chief Minister's responsibility) बनती है कि वह बताएं कि उन्होने यह गलत दावा क्यों किया कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने एसएसपी कुलदीप को हटाने का फैसला लेने के बाद पंजाब सरकार से अधिकारियों का पैनल नही मांगा। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी खुलासा करना चाहिए कि उन्हे यूटी प्रशासक और राज्य के मुख्य सचिव के रूप में पंजाब के राज्यपाल के बीच संदेशों का आदान प्रदान क्यों नही किया जा रहा था । ‘‘ क्या इसीलिए कि मुख्य सचिव अरविंद केजरीवाल और राघव चडडा को रिपोर्ट करते हैं, श्री भगवंत मान को नही?
डॉ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को यूटी प्रशासक के दिए जवाब ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासक ने 28 नवंबर को अधिकारियों का पैनल भेजने का अनुरोध किया था और बाद में यहां तक कि प्रशासक के सलाहकार ने 30 नवंबर को इस अनुरोध को दोहराया गया था। उन्होने कहा कि पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यूटी प्रशासन मामले के संबंध में वह पंजाब सरकार के लगातार संपर्क में हैं।
अकाली नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि यूटी प्रशासन द्वारा किए गए अनुरोधों पर कोई निर्णय क्यों नही लिया गया और कुलदीप चहल को उनके पद से हटाए जाने के बाद भ्रामक प्रतिक्रिया देने का विकल्प क्यों चुना?
अकाली नेता ने कहा कि ऐसा लगता कि झूठ बोलना मुख्यमंत्री का दूसरा स्वभाव बन गया है ।उन्होने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री का एक और झूठ उस समय बेनकाब हो गया जब राज्य के डीजीपी गौरव यादव ने भगवंत मान के पहल के बयान पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि एक खूंखार गैंगस्टर को संयुक्त राज्य के अधिकारियों ने हिरासत में लिया था। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को यह आदत छोड़नी चाहिए और पंजाब और पंजाबियों की भलाई के लिए ईमानदारी से काम करना शुरू चाहिए’’।
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